जीवित व्यक्ति

जीवित व्यक्ति

पूंजीवादी समाज में ,
पूँजी स्वतंत्र और व्यक्तिगत है ,
जबकि जीवित व्यक्ति आश्रित है ,
और उसकी कोई वैयक्तिकता नहीं है |
KARL MARX